अहमद बिन हंबल वाक्य
उच्चारण: [ ahemd bin henbel ]
उदाहरण वाक्य
- इमाम अहमद बिन हंबल का हुक्म
- के अलावा में से अहमद बिन हंबल, इसहाक़ बिन राहवैह, अब्दुल्लाह बिन मुबारक, नखई, हकम
- इस हदीस को अहमद बिन हंबल ने अल मुसनद में, तबरी ने तारिख़ुल उमम वल मुलूक में और दीहर उलामा ने भी नक़्ल किया है।
- इमाम अहमद बिन हंबल रह 0 फ़रमाते थे कि किसी को अल्लाह और उसके रसूल सल्लल लाहो अलेहे वसल्लम के कलाम के साथ गुन्जाईश नही है |
- उन्हों ने कहा: सहाबा के अलावा में से अहमद बिन हंबल, इसहाक़ बिन राहवैह, अब्दुल्लाह बिन मुबारक, नखई, हकम बिन उतैबा, अय्यूब सखतियानी, अबू दाऊद अत्तयालिसी, अबू बक्र बिन अबी शैबा, जुहैर बिन हर्ब वगैरह हैं।
- (धर्म गुरूओं) में से किसी एक ने भी इसे मुस्तहब (ऐच्छिक) नहीं समझा है, न इमाम मालिक ने, न इमाम सौरी ने, न इमाम लैस बिन सअद ने, न इमाम अबू हनीफा ने, न इमाम औज़ाई ने, न इमाम शाफेई ने, न इमाम अहमद बिन हंबल
- बहुत से सलफ रोज़ा रखते हुए भी अपनी इफ्तारी दूसरे को प्रदान कर देते थ, उन्हीं में से अब्दुल्लाह बिन उमर-रज़ियल्लाहु अन्हुमा-, दाऊद ताई, मालिक बिन दीनार, अहमद बिन हंबल हैं, तथा इब्ने उमर यतीमों और मिस्कीनों के साथ ही रोज़ा इफ्तार करते थे।
- इमाम अहमद बिन हंबल ने हज़रत जैद बिन साबित रज़ि 0 से ब्यान किया हैं के नबी सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया-कब्रो पर ज़ियारत करने वाली औरतो पर, कब्रो पर मस्जिद बनाने वालो और कब्रो पर चिराग रोशन करने वालो पर अल्लाह की लानत हो |
- बहुत से सलफ रोज़ा रखते हुए भी अपनी इफ्तारी दूसरे को प्रदान कर देते थ, उन्हीं में से अब्दुल्लाह बिन उमर-रज़ियल्लाहु अन्हुमा-, दाऊद ताई, मालिक बिन दीनार, अहमद बिन हंबल हैं, तथा इब्ने उमर यतीमों और मिस्कीनों के साथ ही रोज़ा इफ्तार करते थे।
- अहमद बिन हंबल अपनी सनद के साथ पैग़म्बरे अकरम (स) से रिवायत की है कि आँ हज़रत ने फ़रमाया: '' जो शख़्स किसी को एक जमाअत पर मुअय्यन करे जब कि वह जानता हो कि उन के दरमियान उससे बेहतर कोई मौजूद है तो उसने ख़ुदा और रसूल और मोमेनीन के साथ ख़यानत की है ''
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